NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 8


The 8th chapter of Class 9 Hindi book is an essay written by Hazari Prasad Dwivedi based on his experience during the last days of the famous Nobel laureate Rabindranath Tagore. The author was able to spend time with Gurudev in his last days. This short essay is an excellent representation of what Gurudev thought about animals and how he was able to find humanely characters in them. It is a very touching essay to study and discover how compassionate Gurudev was from the viewpoint of the author.


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1. गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं ओर रहने का मन क्यों बनाया?

उत्तर: गुरुदेव ने निम्नलिखित कारणों से शांतिनिकेतन को छोड़कर किसी और अन्य स्थान पर  रहने का मन बनाया था।

1.  गुरुदेव का शारीरिक रूप से स्वस्थ ठीक नहीं चल रहे थे।

2. उन्हें आराम की जरूरत थी।मिलने वाले लोगों की वजह से उन्हें आराम और शांति मिलना संभव नहीं हो पा रहा था।


2. मूक प्राणी भी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: मूक प्राणी भी कम संवेदनशील नहीं होते हैं, उन्हें भी स्रेह की अनुभूति होती है।पाठ में रविन्द्रनाथ जी के कुत्ते के कुछ प्रसंगों से यह बात स्पष्ट हो जाती है।

1. आंखें बंद होने के पश्चात भी कुत्ता गुरुदेव के द्वारा किए गए स्पर्श को पहचान सकता है।तब ऐसा लगता है मानों उसके अतृप मन को उस स्पर्श से उसके मन को शांति मिल गई हो।

 2. गुरुदेव की मृत्यु हो जाने के पश्चात कुत्ता कुछ समय तक अस्थिकलश के पास उदास बैठा रहा।उसको देख के ऐसा लगता है मानो वह भी अन्य सभी लोगों की भांति बहुत अधिक निराश एवं दुखी लग रहा हो।


3. गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?

उत्तर: रविन्द्रनाथ द्वारा कहे जाने पर लेखक ने जब  मैना को ध्यान पूर्वक दृष्टि से देखा तब लेखक गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को समझ पाए।


4. प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: लेखक ने अपने भाव और विचारों को कलात्मक एवं लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त किया है।इस विशेषता को निम्नलिखित स्थानों पर देखा जा सकता है।

1. आश्रम के आधे से ज्यादा लोग बाहर चले गए. एक दिन हमने पूरे परिवार के साथ उनके दर्शन करने का निश्चय किया।

2. यहाँ दुख के साथ सुख देना चाहता हूँ कि दर्शन करने वाले लोगों में कितने ही इतने प्रगल्भ थे कि समय-असमय, स्थान अस्थान, अवस्था अनवस्था की उन्हें बिल्कुल फर्क नहीं पड़ता। उन्हें किसी बात की कोई परवाह नहीं है कितना भी रोकने पर वह अंदर चले ही जाते हैं।ऐसे दर्शनार्थियों से गुरुदेव भीत-भीत रहते थे। अस्तु, मैं एक दिन अपने पूरे परिवार के साथ श्री निकेतन जा पहुंचा।

3. उस समय एक लँगड़ी मैना जोर जोर से कूद रही थी। तभी उसको ऐस फुदखते देख गुरुदेव ने कहा देखते हो। इससे इसके समूह से निकाल दिया गया है। यह फिर भी खुश है। ठीक यही आकर मुझे इसकी चाल में एक करुण भाव दिखाई देता है।"

4. पक्षियों की भाषा को ना तो मैं जानता हूं और ना ही जान सकता हूं। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि उनमें कुछ ऐसी बातें अवश्य हो जाया करती है।

पत्नी- ये लोग यहाँ कैसे आ गए जी?

पति- ऊँह बेचारे आ भी गए हैं तो रहने दो यह बेचारे हमारा क्या करेंगे। 

पत्नी लेकिन इनको इतनी तो अक्ल होनी चाहिए कि किसी के घर में ऐसे नहीं घुसते यह हमारा निजी घर है।

पति आदमी जो ठहरे इतनी अकल कहां होगी।

5. गुरूदेव कहते है यह भक्त कुत्ता रोज सुबह मेरे आसन के पास आकर शांति पूर्वक बैठ जाता है। यह तब तक मेरे समीप बैठा रहता है जब तक मैं इसके सर को अपने हाथ से स्पर्श करके उसका साथ स्वीकार न करू इतनी सी स्वीकृति पाकर ही उसका अंग-अंग आनंद से भर उठता है।


5. आशय स्पष्ट कीजिए इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करूण दृष्टि के भीतर उस विशाल मानव सत्य को देखा है, जो मनुष्य के अंदर भी नहीं देख पता।

उत्तर: आशय - कवि कहते है गुरुदेव कहते है कि मेरे स्पर्श को आँखें बंद करके वह कुत्ता इतनी भली भांति अनुभव करता है, तब उसको देखकर ऐसा लगता है मानों उसके अशांत मन को उस स्पर्श से शांति मिल गई हो। आज मनुष्य पहले कि अपेक्षा आत्मकेंद्रित हो गया है।आज के समय में मनुष्य, मनुष्य की मन की भावना को  नहीं समझ पाता है। ऐसे में कवि ने एक बेजुबान पशु की भावनाओं को समझ लिया है जबकि मनुष्य बोल कर भी एक दूसरे की भावनाओं को नहीं समझ पाता।


6. पशु-पक्षियों से प्रेम इस पाठ की मूल संवेदना है। अपने अनुभव के आधार ऐसे किसी प्रसंग से जुड़ी रोचक घटना को कलात्मक शैली में लिखिए।

उत्तर: एक गाँव में एक किसान अपने दो बैलों के साथ रहता था। वह उन बैलों को अपने बच्चों की तरह प्यार करता था।और वह उन्हें अपनी आंखों से जरा भी दूर नहीं होते देख सकता था। उनके पास ही रहता था। वह किसान बैलों को चारा खिलाने के पश्चात ही खुद खाना खाता था। किसान का बैलों के प्रति इतना लगा लगा था कि एक बार एक बैल बीमार हो गया तो उसने खाना पीना छोड़ दिया तो बैल की ऐसी दशा देखकर किसान ने भी खाने-पीने का त्याग कर दिया। अपने प्रति किसान का इतना प्यार देखकर बैल की आंखों में से आंसू आ गए। इस किसान को देखकर पता चलता है कि एक किसान अपने पशुओं से एक मानव की भांति प्यार करता है तथा उसे वह अपने घर के ही एक सदस्य की  भांति स्नेह करता है।इसी कारण पशु अपने स्वामी के लिए जी जान देने के लिए तैयार रहते हैं।


7. गुरुदेव जरा मुस्करा दिए। मैं जब यह कविता पढ़ता हूँ।

ऊपर दिए गए वाक्यों में एक वाक्य में अकर्मक क्रिया है और दूसरे में सकर्मक। इस पाठ को ध्यान से पढ़कर सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार चार वाक्य छाँटिए । 

उत्तर:- पाठ से सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार-चार वाक्य

सकर्मक क्रिया वाले वाक्य

1. हम लोग उस कुत्ते के आनंद को देखने लगे।

2. बच्चों से जरा छेड़छाड़ की, कुशल क्षेम पूछे।

3. गुरुदेव ने इस भाव की एक कविता लिखी थी।

4. इतनी ही स्वीकृति पाकर ही उसके अंग-अंग में आनंद का प्रवाह बह उठता है।


अकर्मक क्रिया वाले वाक्य

1. हम लोगों को देखकर मुस्कराए।

2. दूसरी बार में सवेरे गुरुदेव के पास उपस्थित था।

3. ऐसे दर्शनार्थियों से गुरुदेव कुछ भीत भीत से रहते थे।

4. उस समय एक लँगड़ी मैना फुदक रही थी।


8. निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया भेद बताइए।

      वाक्य


(क)मीना कहानी सुनाती है।


(ख)अभिनव सो रहा है।


(ग) गाय घास खाती है।


(घ) मोहन ने भाई को गेंद दी।


(ड़) लड़कियाँ रोने लगीं।



उत्तर:

(क)मीना कहानी सुनाती है।

सकर्मक क्रिया

(ख)अभिनव सो रहा है।

अकर्मक क्रिया

(ग) गाय घास खाती है।

सकर्मक क्रिया

(घ) मोहन ने भाई को गेंद दी।

सकर्मक क्रिया

(ड़) लड़कियाँ रोने लगीं।

अकर्मक क्रिया


9. नीचे पाठ में से शब्द-युग्मों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं; जैसे

समय असमय, अवस्था अनवस्था इन शब्दों में 'अ' उपसर्ग लगाकर नया शब्द बनाया गया है।

पाठ में से कुछ शब्द चुनिए और उसमे 'अ' एवं 'अन्' उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए। 

उत्तर: 'अ' उपसर्ग लगाने से बने शब्द

चल-अचल

कारण अकारण

प्रचलित अप्रचलित

विश्वास अविश्वास

शांत अशांत

भाव अभाव

नियमित अनियमित

मूल्य अमूल्य


'अन्' उपसर्ग लगाने से बने शब्द

उपयोग अनुपयोग

उद्देश्य अनुद्देश्य

उपस्थित अनुपस्थित

अवस्था अनावस्था

 

NCERT Solutions for Hindi Chapter 8

A perfect example of scribing an essay based on real-life stories and realizations, Ek Kutta Aur Ek Maina is a brilliant piece of literature. The author Hazari Prasad Dwivedi had explained what he experienced when he went to meet Gurudev Rabindranath Tagore. He witnessed the level of compassion Gurudev had for animals. Rabindranath was staying in his ancestral house during his last days. He was ill and was unable to meet all the people coming to visit him. The author was lucky enough to spend those days with him.

One day, he saw that the pet dog of Gurudev came in wagging his tail. The dog was so fascinated to see his master and found immense pleasure when Gurudev touched his head. He then spends a considerable amount of time near his master. Rabindranath instantly wrote a poem based on the compassion and love a dog shows to his master. He explained how the dog felt fulfilled and content in the presence of his master. The affection the dog showed is proof that animals also feel the same emotions humans do. This is a very beautiful revelation mentioned in the Ch 8 Hindi Class 9 Kshitij. The author was lucky enough to experience it. When Gurudev died, the same dog came closer to the ashes of Rabindranath, stood there silently and left with utter despair. This shows how bereaved the dog was when he lost his master.

In Shantiniketan, Gurudev was once walking with the author witnessing the beauty of the flowers and leaves in the garden. A myna used to visit the garden every day but was not seen for a few days. Gurudev started thinking of the stories behind the bird’s disappearance. He said that the bird might be the loser in a Swayamvar Sabha or the bereaved wife of a husband. This shows how deeply he understood the pain of the animals. The author understood every line Gurudev said during that time. To understand what the author wanted to explain properly, you can refer to NCERT Solution Class 9 Hindi Kshitij Chapter 8.


Benefits of Referring to NCERT Solution Class 9 Hindi Kshitij Chapter 8

The author had an excellent style of representing what Rabindranath Tagore thought of animals and their emotional sides. To understand what the author wanted to represent, follow the NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Ch 8. This solution has the right set of answers to all the questions in the exercise. You will be able to practice and finish the syllabus before time.

The prose has beautiful explanations of what Gurudev and the author conversed with each other. He also mentioned how bereaved everyone was when Gurudev left them. In fact, he found that the assumptions of animalistic emotions in his dog were absolutely right. The dog felt the disappearance of his master after his death and bereaved with the rest. Rabindranath also tried to find the emotional feelings of a myna visiting his garden back in Shantiniketan.

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. How can I Prepare the Answers to Class 9 Hindi Kshitij Chapter 8?

The chapter focuses on the conversation between the author and Gurudev Rabindranath Tagore. It was a beautiful experience the author had in Shantiniketan. To answer the questions, you need to understand the feelings of the author and the great poet. For this, you can follow Class 9 Hindi Kshitij Chapter 8 solution and practice.

2. What Did Class 9th Hindi Kshitij Chapter 8 Teach us?

CBSE Class 9 Hindi Kshitij Chapter 8 teaches us how animals have feelings too. The dog Gurudev had always found love and peace near his master. The myna visiting the garden of Shantiniketan might have a sad story too. All animals feel the same way we do. If you follow NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 8, you will find out how the great poet started to feel lonely and lost during his last days.

3. How can I get the NCERT Solutions for Chapter 8 Class 9 Hindi PDF online?

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4. Why should you study NCERT Solutions of Chapter 8 Class 9 Hindi?

You must study the NCERT Solutions of Chapter 8 Class 9 Hindi due to the following reasons. 

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  • The NCERT Solutions can help you revise concepts of the chapter and give an idea of writing answers in exams.  

5. What is the basic concept of Chapter 8 Class 9 Kshitij book?

Chapter 8 ‘ Ek Kutta Aur Ek Maina' is based on an essay written by Hazari Prasad Dwivedi wherein he mentions his experiences with the popular Nobel Prize Winner ‘Rabindranath Tagore'. Moreover, he also writes about the time he spent with Gurudev, who fascinated the author with his thoughts on animals and his ability to find human characters in them.

6. How to score good marks in Chapter 8 Class 9 Hindi?

To score good marks in Chapter 8 Class 9 Hindi subject, follow these tips -

  • Read the chapter carefully from NCERT prescribed books.

  • Practice answers to the questions both in verbal and written format.

  • Practice spellings, words, etc.

  • Pay attention during lectures in school.

  • Solve previous year's sample papers to get an overview of the exam.

7. How to prepare well for the Chapter 8 Kshitij class test for Chapter 8? 

If you want to prepare well for the Chapter 8 Kshitij class test then you have to first understand this chapter thoroughly. For this, you have to attend all the classes related to this chapter and revise it at your home. Once, you have gone through the chapter clearly then try solving the NCERT questions given at the back of the chapter. Solving these questions will help you to analyze your preparation level so that you can make necessary changes in your study pattern.