NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 - Dohe (Poem)


Hindi Class 9 Sparsh Chapter 8 is an excellent list of couplets written by Rahim. He was one of the Navratnas of Mughal Emperor Akbar’s court. His explanation of these 11 couplets can be related to our daily life. He described how a bond of love once broken cannot be reconstructed. There are many teachings we can follow from this poem named ‘Dohe’. To understand the best of this, you need to follow NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8. You can easily download the PDF file for this solution so that you can prepare the poem at your convenience. His thinking and ideologies are extremely relatable to any situation in any era. To understand the values of these couplets, you need to follow a good platform for answers. Class 9th Hindi Sparsh Chapter 8 is an important part of your syllabus as it teaches you a lot of social values. Download NCERT Solutions for Class 9 Maths from CoolGyan, which are curated by master teachers. Science Students who are looking for Class 9 Science NCERT Solutions will also find the Solutions curated by our Master Teachers really Helpful.

Dohe: Class 9th Hindi Sparsh Chapter 8 Summary

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:

1. महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे? 

उत्तर: महादेव भाई अपना परिचय गाँधी जी के 'पीर बावर्ची भिश्ती खर' के रूप में देते थे। इसका मतलब होता है - सभी तरह के काम सफलता के साथ करने वाला। 

2. 'यंग इंडिया' साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?

उत्तर: यंग इंडिया साप्ताहिक में लेखों की कमी इसलिए हो रही थी क्योंकि मुख्य लेखक हार्नीमैन को गांधी जी का अनुयायी  बताकर उन्हें देश से निकाल दिया गया अतः मुख्य लेख लिखने वाला लेखक वहां से इंग्लैंड चला गया था।

3. गांधीजी ने 'यंग इंडिया' प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया? 

उत्तर: गांधीजी ने ‘यंग इंडिया' प्रकाशित करने के विषय में यह निश्चय किया कि 'यंग इंडिया' हफ्ते में दो बार छापी जाएगी क्योंकि वे सत्याग्रह आन्दोलन में शामिल थे जिस कारण से गांधीजी के लिए काम बहुत बढ़ गया था।

4. गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे? 

उत्तर: गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई अहमदाबाद में वकालत किया करते थे और इसके साथ साथ वह सरकारी अनुवाद विभाग में भी नौकरी करते थे।

5. महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?

उत्तर: महादेव भाई के द्वारा झोलों में एक तो पत्र और किताबें भरी रहती थी मासिक पत्रिकाएँ और समाचार पत्र भरे रहते थे।

6. महादेव भाई ने गांधीजी की कौन सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था 

उत्तर: महादेव जी ने गांधीजी द्वारा लिखित ‘सत्य के प्रयोग ‘प्रसिद्द पुस्तक’ का अंग्रेजी में अनुवाद किया था।

7. अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते थे?

उत्तर: अहमदाबाद से नवजीवन और यंग इंडिया दो साप्ताहिक निकलते थे।

8. महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे? 

उत्तर: महादेव भाई के द्वारा दिन में 17-18 घंटे काम किया जाता था। 

9. महादेव भाई से गांधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?

उत्तर: महादेव भाई से गांधीजी की निकटता इस वाक्य से सिद्ध होती है:

'ए रे जख्म जोगे नहि जशे,  यह घाव कभी योग से भरेगा नहीं।

प्रश्न अभ्यास (लिखित):

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (२५-३० शब्दों में) लिखिए:

10. गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?

उत्तर: १९१९ में जब गांधी जी जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद पंजाब जा रहे थे तो पलवल स्टेशन पर पुलिस के द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तभी गांधी जी ने महादेव भाई को अपना वारिस घोषित कर दिया।महादेव गांधीजी के लिए उनके पुत्र से भी बढ़कर थे और पूरे देश के लाडले बन गए। सन 1917 में महादेव जब गांधीजी के पास पहुंचे तो गांधीजी ने उन्हें देखकर तुरंत पहचान लिया और गांधी जी के द्वारा उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में उन्हें अपना पद सौंप दिया गया।

11. गाँधीजी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?

उत्तर: गाँधीजी से मिलने आने वालों के लिए महादेव जी उनको गांधी जी के पास स्वयं लेकर जाते और उनकी मुलाकात  गांधी जी से आमने-सामने कराते थे परंतु उससे पहले महादेव भाई जी उन मिलने वाले लोगों से खुद मिलते और उनकी समस्याओं का निवारण करने हेतु उस पर एक संक्षिप्त टिप्पणी तैयार करते थे।

12. महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?

उत्तर: महादेव भाई ने गाँधीजी की आत्मकथा ‘सत्य का प्रयोग ‘ पुस्तक  का अंग्रेजी में अनुवाद किया। इसके अलावा भी उन्होंने बहुत सारी कहानियों का अनुवाद किया है जैसे कि टैगोर और शरद बाबू  आदि कहानियां, इसके अतिरिक्त  'यंग इंडिया' में भी उनके लेख लिखते थे। महादेव भाई देश-विदेश के सर्वश्रेष्ठ समाचार पत्र में गांधी जी की हर रोज की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते रहते थे। वे रोज़ाना डायरी लिखते थे ये साहित्यक देन डायरी और अनगिनत अभ्यास पुस्तकें आज भी मौजूद हैं। 

13. महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?

उत्तर: महादेव भाई भरी गर्मी में रोज ११ मील तक  सेवाग्राम तक की यात्रा पैदल ही तय करते थे यह बहुत लंबे समय तक चलता रहा लेकिन कुछ समय पश्चात इसका उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा और इसी कारण उनकी अकाल मृत्यु हो गई। 

14. महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधीजी क्या कहते थे?

उत्तर: महादेव भाई की लेखन  का गुण अनुपम है। गांधी जी कहते हैं उनके द्वारा लिखे गए नोट एकदम सीधे, सटीक होते थे और वे बेजोड़ थे। उनकी लिखावट भी अत्यंत सुंदर थी और उन्होंने कभी अल्पविराम तक की भी गलती नहीं की थी। 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (५०-६० शब्दों में) लिखिए:

15. पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?

उत्तर: पंजाब में फ़ौजी शासन के द्वारा बहुत कहर बरसाया गया। सन 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ जिसमें बहुत  सारे लोगों पर अत्याचार हुए। बहुत सारे नेताओं को गिरफ्तार कर काला पानी की कारावास में डाल दिया गया और उन्हें उम्र कैद की सजा दे दी गई। लाहौर के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक पत्र  'ट्रिब्यून' के संपादक को 10 साल  दंड मिला था।

16. महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था?

उत्तर: महादेव जी के निम्नलिखित गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया। जैसे कि वह सब गुणों से संपन्न और कर्तव्य का पालन करने वाले एवं वीरता की भावना रखने वाले व्यक्ति थे। महादेव जी गांधीजी का सहयोगी थे इसीलिए वह समय-समय पर गांधी जी के कार्यों पर टीका टिप्पणी करते रहते थे। उनकी लेखन शैली को सभी लोहा मानते थे। वे कट्टर विरोधियों के साथ भी न्यायप्रिय और ज्ञान से परिपूर्ण बात करते थे। उनका ज्यादातर समय गांधी जी के साथ देश में घूमने तथा उनके रोजाना के कार्य में बीतने लगा। देश में ही नहीं विदेश में भी सबको बहुत पसंद थे इन्हीं सब करणों से वे सबके लाडले थे।

17. महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?

उत्तर: महादेव जी के अक्षरों का कोई तुल्य नहीं था। वे शुद्ध व सुंदर लेख लिखते थे। उनका लेखन सबको अपने ओर आकर्षित / प्रभावित कर लेता था।  बड़े बड़े सिविलियन और गवर्नर कहा करते थे कि सारी ब्रिटिश सर्विसों में उनके योग्य अक्षर लिखने वाला कोई नहीं था। वायसराय को जाने वाले सभी पत्र गांधीजी महादेव जी के द्वारा लिखवाते थे और उन पत्रों को देखकर वह वारसराय भी लंबी सांस लेते थे।

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:

18. अपना परिचय उनके 'पीर बावर्ची भिश्ती खर' के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।" 

उत्तर: लेखक गांधीजी के मुख्य सलाहकार दृढ़ निश्चय के, समर्पण और उनके ज्ञान का वर्णन करते हुए कहते हैं कि वे गांधीजी की गतिविधियों एवं दैनिक कार्य जैसे भोजन और अन्य कार्यों में उनका साथ देते थे। गांधी जी के सभी छोटे बड़े काम वह कुशलतापूर्वक करते थे। और वह स्वयं को गांधीजी का मुख्य सलाहकार ही नहीं बल्कि एक ऐसा साथ देने वाला मित्र मानते थे जो सदा उनके साथ रहता था। वे गांधी जी की गतिविधियों एवं उनके दैनिक कार्यो में हमेशा उनका साथ देते थे।  इसी कारण वे स्वयं को गांधीजी का 'पीर बावर्ची भिश्ती खर' कहते थे और उसमें शान का एहसास करते थे। 

19. इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था।

उत्तर: गांधीजी ने वकालत का कार्य इसलिए छोड़ा क्योंकि इसमें एक वकील का कार्य किसी सही को गलत और गलत हो सही साबित करना होता है। इसमें पूरी ईमानदारी के साथ कार्य नहीं होता।गुनाहों को भी सही बता दिया जाता है तथा सही को भी बहस के द्वारा गलत साबित कर दिया जाता है  इसीलिए गाँधी जी ने इस कार्य को छोड़ा था।

20. देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।

उत्तर: महादेव देसाई जी को एक शुक्रतारे के समान माना गया है। शुक्रतारे के समान वह अपने ज्ञान से संपूर्ण विश्व को अपने ओर आकर्षित करते हुए कुछ ही समय में अपनी छटा से सब के मन को प्रभावित करते रहे।सन् 1935 में देश और दुनिया को मुग्ध कर के शुक्रतारे की तरह अचानक अस्त हो गए।

21. उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस उसाँस लेते रहते थे।

उत्तर: महादेव देसाई जी द्वारा लिखे लेख, टिप्पणियाँ तथा पत्र अनोखे होते थे। उन्हें दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय भी पढ़कर हैरान रह जाते थे। उनकी लिखावट अत्यधिक सुंदर थी।वे जो पत्र लिखकर गाँधीजी की तरफ से भेजते थे, वाइसराय उन्हें पढ़कर लंबी-लंबी सांस लेते थे।

भाषा अध्ययन

22. इक' प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए:

सप्ताह

साप्ताहिक

साहित्य


व्यक्ति


राजनीति


अर्थ


धर्म


मास


उत्तर:

सप्ताह

साप्ताहिक

साहित्य

साहित्यिक

व्यक्ति

वैयक्तिक

राजनीति

राजनीतिक

अर्थ

आर्थिक

धर्म

धार्मिक

मास

मासिक

23. नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए अ, नि, अन, दर, वि, कु, पर, सु, आदि

आर्य


डर


क्रय


उपस्थित


नायक


आगत


मार्ग


लोक


भाग्य


उत्तर:

आर्य

अनार्य

डर

निडर

क्रय

विक्रय

उपस्थित

अनुपस्थित

नायक

अधिनायक

आगत

स्वागत

मार्ग

कुमार्ग

लोक

परलोक

भाग्य

सौभाग्य

24. निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए

1. आड़े हाथों लेना -

2. दाँतों तले अँगुली दबाना -

3. लोहे के चने चबाना -

4. अस्त हो जाना -

5. मंत्र मुग्ध करना -

उत्तर:

1. आड़े हाथों लेना - बेटे के काम न करने पर माँ ने बेटे को आड़े हाथों ले लिया।

2. दाँतों तले अंगुली दबाना - छोटे से बच्चे को मोबाईल चलाते देखा तो सब ने दाँतों तले अंगुली दबा ली। 

3. लोहे के चने चबाना - भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना को भी लोहे के चने चबवा दिए।

4. अस्त हो जाना - महादेव देसाई एक प्रसिद्द लेखक के रूप में मशहूर होने के बाद अस्त हो गए।

5. मंत्र-मुग्ध करना - रूपा ने अपनी सुंदरता से सब के मन को मंत्रमुग्ध कर दिया।

25. निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए:

वारिस


मुकाम


तालीम


जिगरी


फर्क


गिरफ़्तार


उत्तर:

वारिस

वंश, उत्तराधिकारी

मुकाम

लक्ष्य, मंज़िल

तालीम

शिक्षा, ज्ञान, सीख

जिगरी

पक्का, घनिष्ठ

फर्क

अंतर, भेद

गिरफ़्तार

कैद, बंदी

26. उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए:

उदाहरण: गाँधीजी ने महादेव भाई को पना वारिस कहा था।

गाँधीजी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।

1. महादेव भाई अपना परिचय पीर बावर्ची- भिश्ती खर के रूप में देते थे।

2. पीड़ितों के दल के दल ग्रामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।

3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।

4. देश विदेश के समाचार पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।

5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।

उत्तर: 

1. महादेव भाई के द्वारा अपना परिचय पीर बावर्ची भिश्ती खर के रूप में दिया जाता था।

2. ग्रामदेवी के मणिभवन में पीड़ितों के दल के दल उमड़ रहे थे उमड़ रहे थे।

3. अहमदाबाद से ही दोनो साप्ताहिक निकलते थे।

4. गांधीजी के कार्यों पर देश विदेश तक के समाचार पत्र टीका-टिप्पणी किया करते थे।

5. सदैव गांधी जी के पत्र महादेव द्वारा ही लिखे जाते थे।

Dohe: Class 9th Hindi Sparsh Chapter 8 Summary

Rahim was born in 1556. He was considered one of the greatest poets of all time in the Indo-Persian aspect. He was one of the noted members of Navratna of Emperor Akbar. One of his precious creations is a list of couplets called ‘Dohe’. In these couplets, he mentioned what a person should do in different situations to become a good human. His couplets add values to your life if you follow them.

The first couplet tells us how a bond of love once broken cannot be mended properly. The second tells us to hide our pain from the common sight so that we can come out strong and nobody can mock or exploit us. In the third section of Ch 8 Hindi Class 9 Sparsh, he said that one should concentrate on one job at a time to get a better output. The fourth part explains that when you are in distress, only the place offering you peace is remembered. On progressing further, you will also learn to give something in return to pay your duties. If a mistake is committed, it can be redone. These are the best teachings you will find in the Sparsh book. For better preparation, you will need the assistance of NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 Dohe prepared by the best mentors of CoolGyan.

Why Do You Need CBSE Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 Solutions?

Using the solution for this particular chapter, you will be able to understand the different meanings of the words and metaphors the poet used. It is necessary to grab the deep concepts so that you can answer the questions properly. Rahim was a farsighted poet of a high reputation. His way of looking at life was brilliant and extremely straightforward. He showed how to lead a life and add more values to your personality. Hence, writing the answers will not be that easy. Chapter 8 Hindi Class 9 Sparsh is one of the best lessons you will get. Hence, the solution is mandatory for preparing this chapter.

You will be able to frame beautiful answers for the questions related to the couplets. Every pair of lines in this chapter has multiple meanings. Finding the right meaning with respect to the question is necessary. You will need a proper platform to study the chapter, find the best answers, practice and gain the confidence to frame answers on your own in the exams. Using a solution for Chapter 8 Hindi Sparsh Class 9 is important for your overall score in this subject.

It is easy to save a lot of your precious time when you have entered the Secondary level of education. There are many subjects to study and complete the syllabus. You need to study hard and smart by adding the best solutions for all the chapters in different subjects to your study material. In this aspect, NCERT Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 will also need a supportive guide. The solution from the teachers of CoolGyan is all you need.

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. What Does the Poet Want to Explain in ‘Dohe’?

The poet Rahim was a farsighted person. He wanted to explain different philosophies related to our daily lives. If you follow the NCERT Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 Solutions, you will be able to relate each line with your daily life.

2. How can I Frame the Best Answers for this Chapter?

Clear your doubts by reading the couplets. Follow the classroom sessions and refer to the NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Ch 8 to frame the best answers and score better.

3. How can Students Benefit From Ch 8 Hindi Class 9 Sparsh Solutions?

When you use NCERT Solutions for Class 9th Hindi Sparsh Chapter 8, you can significantly benefit by saving a lot of time and making your preparation more constructive.

4. How can someone who is not proficient in Hindi, use CoolGyan’s NCERT Solutions to understand Hindi chapters well?

Hindi textbooks often use complex vocabulary that is hard for a lot of students to grasp at first.  However, students need not worry; CoolGyan is here to your rescue. It not only provides solutions for all the chapters but also explains the summary and important points of the chapter in simple English. This helps students understand the context and substance of the chapter easily.

5. Is Chapter 8 “Dohe” of Hindi Textbook Sparsh of Class 9 an easy chapter?

Chapter 8 "Dohe" is an intriguing yet heavy chapter. The couplets in the chapter are beautifully written and carry some life-changing lessons. However, the students of today will find the language intimidating. This chapter will thus require students to look up the meaning of the chapter’s vocabulary. Once they understand the meaning behind the couplets, they will find the chapter easier. Students can look up to CoolGyan's Solutions for this chapter for an added understanding of the chapter and its exercise questions.   The solutions are free of cost.

6. Who is the poet of “Dohe” in Chapter 8 “Dohe” of Hindi Textbook Sparsh of Class 9? Give his brief description.

The famous poet Rahim has composed these beautiful couplets or “Dohe.”He was born in Lahore (now in Pakistan) in 1556. He was one of the “Navratnas” as he was one of the nine important ministers of the Mughal emperor Akbar’s court. He was a renowned poet who has composed works like Rahim Satsayi, Shringhar Satsayi, Rahim Ratnavli, etc.


Although famous for his dohas, Rahim has also translated Babar's memoirs from the Chagatai language to Persian. This is popularly known as Baburnama.


7. Why do you think a broken bond of love cannot become like before according to Chapter 8 “Dohe” of Hindi Textbook Sparsh of Class 9?

A broken bond of love can never be mended to be exactly like before. As the poet rightly explains that just like when a broken string forms a knot when tried to rejoin with its other half, a constrained bond of love also forms a knot and can never be the same as before. For more detailed explanations and NCERT Solutions from Chapter 8 “Dohe” of Hindi Textbook Sparsh of Class 9 chapter, visit CoolGyan website or CoolGyan Mobile app.

8. Rahim’s Dohe teaches us several life lessons in Chapter 8 “Dohe” of Hindi Textbook Sparsh of Class 9. What did you learn from it?

Rahim’s “Dohe” is a captivating chapter that teaches us many life lessons. It teaches us the importance of loving relationships, hiding one’s difficulties from the public, being focused, saying more in fewer words, etc. CoolGyan’s NCERT Solutions for Chapter 8 “Dohe” of Hindi Textbook Sparsh of Class 9 are available for free download. These can also be downloaded using the CoolGyan mobile app.