NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 - Dhram Ki Ar


One of the prime books prescribed for the CBSE Class 9 Hindi syllabus which consists of excellent stories is Hindi Sparsh. The fifth chapter of this book, ‘Dharm ki Ar’, is one of the most critical chapters covered in the syllabus. The Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 Solutions make it easier for students to follow the basic concept of this chapter. Also, the appropriate answer patterns for various types of questions become more comprehensible with the help of these NCERT Solutions. These NCERT Solutions are available in the PDF format on CoolGyan and you can download them for free.

This chapter depicts the sensitive issue of what is being done in society in the name of religion. The answers included in these NCERT Solutions convey the author’s intent in a simple way. Students can refer to the NCERT Solution for Class 9 Hindi Chapter 5 Sparsh online and they can download and refer to the solutions offline for their self-study. These NCERT Solutions cover all the important points of this chapter in a question-and-answer format, thereby, making it easier for students to revise during the exams.

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए:

1. रंग की शोभा ने क्या कर दिया?

उत्तर: रंग के शोभा ने उत्तर दिशा में लाल रंग ने थोड़े समय के लिए लालिमा फैला दी।


2. बादल किस की तरह हो गए थे?

उत्तर: बादल कपास की तरह हो गए थे।


3. लोक किन-किन चीजों का वर्णन करते हैं?

उत्तर: लोग आकाश, पृथ्वी, जलाशयों का वर्णन करते हैं।


4. कीचड़ से क्या होता है?

उत्तर: कीचड़ से कपड़े गंदे होते हैं, शरीर मैला हो जाता है। लेकिन कीचड़ में कमल जैसा फूल भी उगता है।


5. कीचड़ जैसा रंग कौन लोग पसंद करते हैं?

उत्तर: कीचड़ जैसा रंग फोटोग्राफर, कला प्रेमी और कलाकार पसंद करते हैं। गत्तों दीवारों और वस्त्रों पर भी है रंग पसंद किया जाता है।


6. नदी के किनारे कीचड़ कब सुंदर दिखता है?

उत्तर: सूखा कीचड़ जब सूखकर  ज्यादा ठोस हो जाए तब उसके ऊपर बगुले , पक्षी, गाय , भैंस, बकरी इत्यादि के पदचिन्ह उस पर अंकित हो तो और भी सुंदर लगता है।


8. 'पंक' और ' पंकज' शब्द में क्या अंतर है?

उत्तर: ' पंक' का अर्थ है कीचड़ और पंक+ अज अर्थात कीचड़ में उत्पन्न अर्थात कमल। पंख से सब नफरत करते हैं। पंकज को सिर माथे पर लगाया जाता है।


प्रश्न अभ्यास (लिखित)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए:

9. कीचड़ के प्रति किसी को सहानुभूति क्यों नहीं होती?

उत्तर: टीचर के प्रति किसी को सहानुभूति नहीं होती क्योंकि लोग सिर्फ ऊपरी सुंदरता को देखते हैं। कीचड़ को गंदगी का प्रतीक मानते हैं। कोई भी कीचड़ में नहीं रहना चाहता है ना किसी कोई अपने कपड़े गंदे रखना चाहता है ना शरीर गंदा रखना चाहता है। कभी किसी कवि ने भी कीचड़ के बारे में अपनी कविता में नहीं लिखा है।


10. ज़मीन ठोस होने पर उस पर किन के पद चिन्ह अंकित होते हैं?

उत्तर: जमीन ठोस होने पर उस पर बैल गाय भैंस बकरी पक्षी आदि के पद चिन्ह अंकित होते हैं।  ऐसा दृश्य लगता है कि यहाँ कोई युद्ध लड़ा गया हो।


11. मनुष्य को क्या भान होता जिससे वह कीचड़ का तिरस्कार ना करता। 

उत्तर: यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि मनुष्य कीचड़ का तिरस्कार करता है। यदि मनुष्य को यह भान होता कि उसका आना और कई अन्य खाद्य पदार्थ कीचड़ में ही उत्पन्न होते हैं तो वह कीचड़ का तिरस्कार नहीं करते।


12. पहाड़ लुप्त कर देने वाले कीचड़ की क्या विशेषता है?

उत्तर: पहाड़ लूट कर देने वाले कीचड़ की विशेषता यह है कि बहुत अधिक कीचड़ का होना। यह कीचड़ जमीन के नीचे अत्यंत गहराई तक होता है। ऐसा कीचड़ गंगा नदी के किनारे खंभात की खाड़ी सिंधु के किनारे पर होता है। 


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखिए:

13. कीचड़ का रंग किन-किन लोगों को खुश करता है?

उत्तर: कीचड़ का रंग चित्रकारों मूर्तिकारो और कलाकारों को खुश करता है। लोग इस रंग को पुस्तकों के गत्तों पर, दीवारों पर, कच्चे मकानों पर पसंद करते हैं। कपड़ों के रंग में भी इसे पसंद किया जाता है।


14. कीचड़ सूखकर किस प्रकार के दृश्य उपस्थित करता है?

उत्तर: कीचड़ सूखकर टुकड़ों में बैठ जाता है, उसमें दरार पड़ जाती है। उसका आकार टेढ़ा मेढ़ा होने से सुखाए हुए खोपरे जैसे सुंदर लगने लगता है। समतल के किनारों का कीचड़ भी सूखता है तो बहुत सुंदर लगता है क्योंकि इस पर पशु पक्षियों के पैर के चिन्ह बन जाते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। ऐसा दृश्य लगता है कि यहाँ कोई युद्ध लड़ा गया हो।


15. सूखे हुए कीचड़ का सौंदर्य किन स्थानों पर दिखाई देता है?

उत्तर: सूखे हुए कीचड़ का सौंदर्य नदियों के किनारे दिखाई देता है। कीचड़ जब थोड़ा सूख जाता है तो उस पर छोटे छोटे पक्षी बगुले आदि घूमने लगते हैं। कुछ अधिक सूखने पर अन्य पशु जैसे गाय, भैंस, बैल, बकरी भी चलने फिरने लगते हैं।कीचड़ सूखकर टुकड़ों में बैठ जाता है, उसमें दरार पड़ जाती है। उसका आकार टेढ़ा मेढ़ा होने से सुखाए हुए खोपरे जैसे सुंदर लगने लगता है। समतल के किनारों का कीचड़ भी सूखता है तो बहुत सुंदर लगता है क्योंकि इस पर पशु पक्षियों के पैर के चिन्ह बन जाते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। ऐसा दृश्य लगता है कि यहाँ कोई युद्ध लड़ा गया हो।


16. कवियों की धारणा को लेखक ने युक्ति शून्य क्यों कहा है?

उत्तर: कवि केवल भारी संध्या पर ध्यान देते हैं, आंतरिक सौंदर्य और कोई ध्यान नहीं दिया जाता। 'पंक' का अर्थ है कीचड़ और पंक+अज अर्थात कीचड़ में उत्पन्न कमल। पंक से सब घृणा करते हैं। पंकज को सिर माथे लगाया जाता है। मैं कमल को अपनी रचना में रखते हैं परंतु पंख को अपनी रचना में नहीं लिया जाता। वह प्रत्यक्ष सौंदर्य की प्रशंसा करते हैं अर्थात जो दिखाई देता है उसकी प्रशंसा होती है परंतु उसको उत्पन्न करने वाले कारकों का कोई सम्मान नहीं किया जाता। कवियों का ऐसा दृष्टिकोण उनकी युक्ति शून्यता को दर्शाता है।


निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:

17. नदी किनारे अंकित पदचिन्ह और सींगो के चिन्हों से मानो महिष्कुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास ही इस कर्दम लेख में लिखा हो ऐसा भास होता है।

उत्तर: नदी के किनारे कीचड़ जब सुखकर ठोस हो जाता है तो मदमस्त पांडे अपने सींगो से कीचड़ को रौंदकर आपस में लड़ने लगते हैं तब नदी किनारे अंकित पदचिन्ह और सींगो के चिन्हों से मानो महिष्कुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास ही कर्दम लेख में लिखा हो ऐसा प्रतीत होता है अर्थात कीचड़ में छपे चिह्न युद्ध की सारी स्थिति का वर्णन करते हैं।



18. " आप वासुदेव की पूजा करते हैं इसलिए वसुदेव को तो नहीं पूजते, हीरे का भारी मूल्य देते हैं किंतु कोयले या पत्थर का नहीं देते और मोती को कंठ में बाँधकर फिरते हैं किंतु उसकी मातुश्री को गले में नहीं बाँधते।" कम से कम इस विषय पर कवियों के साथ चर्चा ना करना ही उत्तम है। 

उत्तर: कवि पंक (कीचड़) से घृणा करते हैं। पंकज को सिर माथे पर लगाया जाता है। कभी पंकज को अपनी रचना में रखते हैं परंतु पंक को अपनी रचना में नहीं लाते हैं। यह दुर्भाग्य की बात है कि कवि कीचड़ का तिरस्कार करता है। वासुदेव कृष्ण को कहते हैं और लोग उसकी पूजा करते हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि उनके पिता वासुदेव को भी पूजें। हीरे को मूल्यवान मानते हैं तो आवश्यक नहीं के कोयले को भी माने जहां हीरा उत्पन्न होता है। मोती को गले में धारण करते हैं परंतु उसकी सीप को नहीं। कवि कहते हैं इस विषय में कवियों से चर्चा करना व्यर्थ है।


भाषा अध्ययन

19. निम्नलिखित शब्दों के तीन तीन पर्यायवाची लिखिए:

जलाशय

सिंधु

पंकज

पृथ्वी

आकाश

उत्तर:

  • जलाशय - सर, सरोवर, तालाब

  • सिंधु - सागर, समुद्र, रत्नाकर

  • पंकज - नीरज, जलज, कमल

  • पृथ्वी - धरा, भूमि, धरती

  • आकाश - अंबर, नभ, व्योम


20. निम्नलिखित वाक्यों मैं कारकों को रेखांकित कर उनके नाम भी लिखिए-

1. कीचड़ का नाम लेते ही सब बिगड़ जाता है। …………

2. क्या कीचड़ का वर्णन कभी किसी ने किया है। ………….

3. हमारा अन्न कीचड़ से ही पैदा होता है। ……………

4. पदचिह्न उस पर अंकित होते हैं। …………..

5. आप वासुदेव की पूजा करते हैं। …………….

उत्तर:

1. का – संबंध कारक

2. का – संबंध कारक, ने—कर्ताकारक

3. हमारा – संबंध कारक से-करण कारक

4. पर – अधिकरण कारक

5. की – संबंधकारक


21. निम्नलिखित शब्दों की बनावट को ध्यान से देखिए और इनका पाठ से भिन्न किसी नए प्रसंग में वाक्य प्रयोग कीजिए:

1. आकर्षक

2. यथार्थ

3. तटस्थता

4. कलाभिज्ञ

5. पदचिह्न

6. अंकित

7. तृप्ति

8. सनातन

9. लुप्त

10. जाग्रत

11. घृणास्पद

12. युक्तिशून्य

13. वृत्ति

उत्तर:

1. आकर्षक : मसूरी स्थित कैंपरी फाल बहुत आकर्षक है।

2. यथार्थ : गरीबों की समस्याएँ हल यथार्थ रूप में नहीं की जा सकती हैं।

3. तटस्थता : अंपायर की तटस्थता से मैच का आनंद बढ़ गया।

4. कलाभिज्ञ : इस पेंटिंग का मूल्य कोई कलाभिज्ञ ही लगा सकता है।

5. पदचिह्न : हमें महापुरुषों के पदचिह्नों पर चलना चाहिए।

6. अंकित : शहीद देशभक्तों के नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित किए गए।

7. तृप्ति : गरीब रूखा-सूखा खाकर भी तृप्ति की अनुभूति करते हैं।

8. सनातन : दीन-दुखियों की मदद करना भारत की सनातन परंपरा है।

9. लुप्त : वन्य जीवों की अनेक प्रजातियाँ लुप्त होने के कगार पर हैं।

10. जाग्रत : गुलाब का नाम लेते ही मन में सौंदर्य भाव जाग्रत हो उठा।

11. घृणास्पद : अपने घृणास्पद व्यवहार के कारण आतंकी अलग-थलग पड़ गए।

12. युक्तिशून्य : सुमन, तुम्हें तो ऐसी युक्तिशून्य बातें नहीं करनी चाहिए।

13. वृत्ति : स्वार्थी वृत्ति वालों को लोग पसंद नहीं करते हैं।


22. नीचे दी गई संयुक्त क्रियाओं का प्रयोग करते हुए कोई अन्य वाक्य बनाइए-

1. देखते-देखते वहाँ के बादल श्वेत पूनी जैसे हो गए।

2. कीचड़ देखना हो तो सीधे खंभात पहुँचना चाहिए।

3. हमारा अन्न कीचड़ में से ही पैदा होता है।

उत्तर:

1. देखते-देखते घटना स्थल पर बहुत से लोग एकत्र हो गए।

2. हमें घायलों की मदद के लिए शीघ्र पहुँचना चाहिए।

3. सत्संग से ही सद्गुण पैदा होता है।


23. न, नहीं, मत का सही प्रयोग रिक्त स्थानों पर कीजिए-

1. तुम घर ……………… जाओ।

2. मोहन कल ………………. आएगा।

3. उसे ………………. जाने क्या हो गया है?

4. डाँटो ………………… प्यार से कहो।

5. मैं वहाँ कभी ………………… जाऊँगा।

6. ………………… वह बोला ………………… मैं।

उत्तर:

1. तुम घर मत जाओ।

2. मोहन कल नहीं आएगा।

3. उसे न जाने क्या हो गया है?

4. डाँटो मत, प्यार से कहो।

5. मैं वहाँ कभी नहीं जाऊँगा।

6. न वह बोला न मैं।


NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 - Dhram Ki Ar

Dharm Ki Ar: A Very Important Chapter for Class 9 Students

There is no doubt that the Hindi syllabus has increased to a huge extent when you entered the Secondary level of education. The number of chapters has increased manifold. In fact, the concepts of the chapters are not easy to understand either. Hence, using a solution guide will be ideal to make exam preparation easier for all students. The NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5, facilitate an easy learning process. These solutions are prepared by the subject-matter experts of CoolGyan in alignment with the CBSE guidelines, so scoring in the exams becomes easier if you follow these NCERT solutions.

According to the author, religion has become a business. Religion has installed fear in every common man’s mind and he has to protect it with his life. It is the worst thing that can happen to the population. The author suggests that this worthless use of religion for different purposes should be opposed and needs to be stopped using courage and determination. Religion is meant for lifting the soul to a spiritual level where the common man can connect with God and find his true purpose. 

Instead, it is being used to instill fear and stupidity among common people. People are blindly following what they are told. They do not even dare to question and go with the flow. With the NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 Dharm Ki Ar, you can understand the message conveyed in the story and you will be able to write precise answers for the various types of questions.


Why Use Ch 5 Hindi Class 9 Sparsh Solutions?

  • NCERT Solutions Make Chapter 5 Easy to Study

This is a sensitive chapter that shows how society has been enslaved by the fear of religion and by following what has been told blindly. The author is absolutely enraged with what is happening in the country and wants everyone to raise their voice against such atrocities. This chapter urges everyone to question the present-day religious practices, and consider religion as a mind and soul development tool to connect with God, not to spread fear or make profits. You can understand how critical the questions will be in this exercise. Hence, you will need proper guidance to understand the concept better and write your answers precisely. The Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 Solutions will help students to develop a conceptual understanding of the chapter.

  • Develop Skills to Write Good Answers in Hindi

Answering questions based on topics related to literature is not an easy task. You will have to express your thoughts on the topic precisely without exceeding the word limit. You can refer to the NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 for writing better answers. All the questions are being answered in alignment with the CBSE format so that students can automatically build an idea. They will be able to stick to the rules and use simple language for writing the answers on their own.

  • Convenience to Save Time

The prime reason for following the NCERT Solutions for Chapter 5 Hindi Sparsh Class 9 is to save time by finding the correct answers to all the questions given at the end of this chapter. You can save a lot of time by referring to these NCERT Solutions since you will have ready-made answers to refer to. You can compare your answers with these NCERT Solutions and identify and rectify your mistakes more effectively. 


Why Seek a Solution for Chapter 5 Hindi Sparsh Class 9 Solution from CoolGyan?

CoolGyan provides exclusive study material for the prime support of the students preparing for the upcoming exams. They can rely on the quality of the answers and follow them to prepare their own base regarding any chapter in the Hindi syllabus for Class 9.

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. What Is the Benefit of Referring to the CBSE Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 Solutions?

The benefits of referring to the CBSE Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 Solutions are convenience and reliability. The answers are to-the-point and prove to be very helpful for scoring excellent marks in the exams.

2. Why Should You Download the Class 9 Chapter 5 Hindi Sparsh Solutions?

You should download the Class 9th Hindi Sparsh Chapter 5 Solutions PDF so that you can refer to it while studying offline and prepare for the Hindi exams.

3. How Can Write Good Answers to the Questions of Chapter 5 Class 9 Hindi?

When you follow how the experts have written the answers in NCERT Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 Solutions, you can easily frame your own answers, incorporating all the important points for that particular question. Also, you can compare your answers with the NCERT Solutions for this chapter and write in the appropriate manner.

4. How to simplify learning of the difficult chapters of Class 9 Hindi?

Class 9 Hindi often appears difficult to students. This is due to the use of classical vocabulary along with some content with symbolic and deep-rooted meaning. To simplify understanding such chapters:

  1. Read the chapter at least three times.

  2. Refer to CoolGyan's NCERT Solutions for Class 9 Hindi for demystified explanations of the chapter.

  3. Attend CoolGyan's live classes for tips and tricks for learning specific chapters for Class 9 Hindi.

5. How to score high marks in the Class 9 Hindi CBSE examination?

It is not difficult to score high marks in Class 9 Hindi if you follow the correct preparation strategy throughout the academic year

  1. Read each chapter several times.

  2. Make a study plan and devote time to extra reading for enhanced vocabulary.

  3. Make sure that the chapter's theme is clear in your mind.

  4. Make a note of the difficult vocabulary of the chapter and memorize it.

  5. Refer to CoolGyan's NCERT Solutions for Class 9 Hindi for ideal answers and simplified explanations of the chapter.

The solutions are free of cost and also available on CoolGyan Mobile app.


6. What do you know about the author of Chapter 5 "Dharm ki Aad” of Hindi textbook Sparsh of Class 9?

"Dharm ki Aad" is written by Ganesh Shankar Vidyarthi. He was a journalist who founded the weekly newspaper "Pratap." He was also a leader of the Indian National Congress and an enthusiastic activist in the independence movement. He supported Mahatma Gandhi's Non-Cooperation Movement.

You can understand his progressive views and zeal for truth through his writings. 

His eminence can be understood by the fact that renowned journalists are honoured with an award named after him called the "Ganesh Shankar Vidyarthi Puraskar.”



7. In the author's opinion, when are religious rituals rendered useless according to Chapter 5 "Dharm ki Aad” of Hindi textbook Sparsh of Class 9?

Ganesh Shankar Vidyarthi beautifully describes the irony of people who appear very religious but oppress others. According to him, there is no use in praying, fasting, and performing all the religious rituals if you don't have the necessary qualities of honesty, compassion, empathy, and justice. He strongly condemns people who in the name of religion get violent and oppressive.  He strongly believes that true religion should make one a kinder and more honest person.

8. Why does the author think that certain atheists are better than some religious people according to Chapter 5 "Dharm ki Aad” of Hindi textbook Sparsh of Class 9?

The author is strong against religious fanaticism. In the chapter "Dharm ki Aad," the author describes that certain so-called religious people can be the harshest, arrogant, and dishonest human beings who end up oppressing others. The author believes solemnly that such religiousness is not only harmful but also a sham. Contrary to this, in his opinion, kind and compassionate people who do not believe in any god are way better human beings.