NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 4 - Mera Chhota Sa Niji Pustkalay


One of the best books you can get in your secondary education is Hindi Sanchayan. It holds so many different stories inside it that you will keep it with you when you are done with your exams. So that you can read the stories again and again. Moreover, each story and poem has its value and knowledge which you gain once you finish the chapter. 

With NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 4, we are trying to help students give proper answers to the question that can come in exams. The answer that you need to write is in Hindi, and most of the time, students make a mistake of keeping the lengths of the answer short or too long, or they couldn't put in what the questions are asking from them. As a result, we have compiled the answers to Chapter 4 from the Sanchayan book. 

Every NCERT Solution is provided to make the study simple and interesting on CoolGyan. Subjects like Science, Maths, English, Hindi will become easy to study if you have access to NCERT Solution for Class 9 Science, Maths solutions, and solutions of other subjects. You can also download NCERT Solutions for Class 9 Maths to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations.

Access NCERT Solutions for Hindi (Sanchayan) Chapter 4 – मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय

1. लेखक का ऑपरेशन करने से सर्जन क्यों हिचक रहे थे?

उत्तर: लेखक को एक के बाद एक तीन ख़तरनाक हार्ट अटैक आए थे, जिनके कारण उनकी नब्ज़ और साँस भी रुक गई थी। डॉक्टरों ने कह दिया था कि उनके प्राण नहीं बचे ,पर डॉक्टर बोर्जेस के नौ सौ वॉल्ट्स के शॉक्स के कारण वह बच गए। इस ख़तरनाक प्रयोग में उनका साठ प्रतिशत हार्ट हमेशा के लिए नष्ट हो गया। बचे हुए चालीस प्रतिशत हार्ट में भी तीन अवरोध थे,जिनके कारण कोई भी सर्जन लेखक का ऑपरेशन करने से हिचक रहे थे।


2. 'किताबों वाले कमरे' में रहने के पीछे लेखक के मन में क्या भावना थी?

उत्तर: लेखक को बचपन से ही किताबें पढ़ने और इकट्ठा करने का बड़ा शौक था। उन्होंने अपने घर के एक कमरे को छोटा-सा निजी पुस्तकालय बना लिया था। इस पुस्तकालय में बहुत सारे लेखकों की अलग-अलग तरह की किताबें थी। जैसे पुरानी कहानियों में राजा के प्राण तोते में होते थे,वैसे ही लेखक के प्राण इन किताबों में बसे थे। इसी कारण लेखक ने बेडरूम में न जाकर 'किताबों वाले कमरे' में रहने के लिए कहा।


3. लेखक के घर कौन-कौन-सी पत्रिकाएँ आती थीं?

उत्तर: लेखक के घर नियमित रूप से यह पत्र-पत्रिकाएँ आती थीं-आर्यमित्र साप्ताहिक,वेदोदम,सरस्वती,गृहिणी,बालसखा और चमचम। इनमें से दो बाल पत्रिकाएँ-बालसखा और चमचम खास लेखक के लिए आती थीं।


4. माँ लेखक की स्कूली पढ़ाई को लेकर क्यों चिंतित रहती थी?

उत्तर: लेखक का मन पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ने में रहता था। बाल पत्रिकाओं के अलावा घर में जो किताबें होती, वह उन्हें भी पढ़ने की कोशिश करते और उन्हें बहुत मज़ा आता था। लेखक की शुरू की पढ़ाई के लिए घर पर ही मास्टर आते थे, क्योंकि उनके पिता को डर था की कहीं उनका बेटा नासमझ उम्र में गलत संगत में न पड़ जाए। लेखक की अन्य किताबों और पत्र-पत्रिकाओं में रूचि बहुत अधिक थी, जिस कारण उनकी माँ लेखक की स्कूली पढ़ाई को लेकर चिंतित रहती थी।


5. लेखक को किताबें पढ़ने और सहेजने का शौक कैसे लगा?

उत्तर: लेखक के घर नियमित रूप से पत्र-पत्रिकाएँ आती थीं, जिनमें से दो बाल पत्रिकाएँ-बालसखा और चमचम खास लेखक के लिए आती थीं। इन बाल पत्रिकाओं में राजकुमारों,दानवों,परियों आदि की कहानियाँ होती थीं। उन्हें पढ़ते-पढ़ते लेखक को पत्रिकाएँ पढ़ने का शौक लग गया। घर में और भी किताबें थीं जिन्हें लेखक पढ़ने की कोशिश करते थे। पाँचवी कक्षा में प्रथम आने पर उन्हें दो अंग्रेज़ी की किताबें इनाम में मिली थीं। इन दो किताबों ने लेखक के लिए एक नयी दुनिया के दरवाज़े खोल दिए, जहाँ उन्हें बहुत मज़ा आता। लेखक के पिता ने अलमारी में जगह बना कर यह दो किताबें रखकर लेखक की निजी लाइब्रेरी की नीव रखी। अपने बढ़ते शौक के चलते लेखक को किताबें पढ़ने और सहेजने का शौक लग गया।


6. स्कूल से इनाम में मिली अंग्रेज़ी की दोनों पुस्तकों ने किस प्रकार लेखक के लिए नयी दुनिया के द्वार खोल दिए?

उत्तर: स्कूल में पाँचवी कक्षा में प्रथम आने पर लेखक को इनाम में अंग्रेज़ी की दो किताबें मिली। पहली किताब में दो बच्चे घोसले की खोज में जगह-जगह भटकते और अलग-अलग पक्षियों के बारे में जानकारी प्राप्त करते। दूसरी किताब का नाम था-"ट्रस्टी द रग" जिसमें पानी के जहाज़ों के बारे में बताया गया था। एक ओर था पंछियों से भरा आसमान और दूसरी ओर गहरा सागर। इन दोनों किताबों ने लेखक के लिए एक नयी दुनिया के द्वार खोल दिए।


7. "आज से यह खाना तुम्हारी अपनी किताबों का। यह तुम्हारी अपनी लाइब्रेरी है"-पिता के इस कथन से लेखक को क्या प्रेरणा मिली?

उत्तर: लेखक को जब स्कूल से इनाम में दो अंग्रेज़ी की किताबें मिली तो उनके पिता ने अलमारी का एक खाना खाली करके वे किताबें वहाँ रख दी और कहा कि आज से वह लेखक की अपनी लाइब्रेरी है। लेखक को पहले से ही किताबें और पत्रिकाएँ पढ़ने में बहुत रूचि थी। पिता के इस कथन से उन्हें किताबें जमा करने की प्रेरणा मिली, जिसके कारण भविष्य में लेखक अपने एक कमरे में एक अच्छा-सा पुस्तकालय बनाने में सफ़ल हुए।


8. लेखक द्वारा पहली पुस्तक खरीदने का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। 

उत्तर: लेखक के पिता की मृत्यु के बाद आर्थिक तंगी के कारण अपने शौक की किताबें खरीदना असंभव था। एक ट्रस्ट से योग्य परंतु असहाय छात्रों को पाठ्यपुस्तक खरीदने के पैसे मिलते थे। इससे लेखक सेकंड-हैंड किताबें खरीदते थे। इंटरमीडिएट पास करके, जब लेखक ने किताबें बेचकर बी.ए. की सेकंड-हैंड बुकशॉप से किताबें खरीदी तो दो रूपए बच गए। उन दिनों 'देवदास' फिल्म लगी थी, जिसका गाना "दुःख के दिन बीतत नाही" लेखक अक्सर गुनगुनाते रहते थे, तो एक दिन उनकी माँ ने उन्हें समझाया कि दुख के दिन बीत जाएँगे। लेखक ने जब अपनी माँ को बताया कि यह एक फिल्म का गाना है तो माँ ने फिल्में नापसंद होते हुए भी लेखक को 'देवदास' देखने की अनुमति दे दी। जब लेखक फिल्म देखने जा रहे थे तो पास ही एक दुकान पर 'देवदास' पुस्तक रखी थी।  फिल्म देखने की जगह लेखक ने दस आने में वह पुस्तक खरीद ली और बचे हुए पैसे माँ को दे दिए। इस प्रकार लेखक ने अपनी पहली पुस्तक खरीदी।


9. "इन कृतियों के बीच अपने को कितना भरा-भरा महसूस करता हूँ"-का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: लेखक अपनी बीमारी के समय अपने निजी पुस्तकालय में ही रह रहे थे। वहाँ उनके द्वारा सहेजी हज़ारों किताबें थीं। आज उनके पास हिंदी और अंग्रेजी की अलग-अलग विषयों पर ढेरों किताबें थीं। उन्हें देख कर लेखक को अपनी पुरानी यादें याद आती कि कितनी मेहनत से उन्होंने एक-एक किताब संजोयी थी। इन सब किताबों और इतने अलग-अलग विषयों और लेखकों के बीच वह खुद को अकेला न पाते, अपितु भरा-भरा महसूस करते।


NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 4 - Mera Chhota Sa Niji Pustkalay

Chapter 4 Hindi Class 9 Sanchayan is one of those stories that will make you think about all the things that you do in life that you don't consider to be important. It's a real-life story based on the events that happened in 1989 after one of India's finest writers, Mr Dharamveer Bharti, had three heart attacks one after the other. 

From breathing to the beating of the heart, everything which makes a human body alive was stopped, but the doctor didn't quit on him and made him come back alive by giving high voltage shocks. The author's request or stubbornness made doctors set up his bed in the library of his home. You will get to know how much people care about their books and what books mean to a reader from this story. 


Benefits of Class 9th Hindi Sanchayan Chapter 4

The Class 9 Sanchayan Chapter 4 also describes the relationship between a father and a son who belongs to Arya Samaj and was the head of his local area, so he was extra cautious that his son won't indulge him. As a result, the author had homeschooling up to 3rd standard. Moreover, when he joined the school, the author was one of the best students in his class, and he got the first position in his 5th standard. As a prize for getting the first position, he got two books and both were in the English language. He read those books again and again, and from there, he thought about having his library, and he made his dream come true.

The library, which he narrates to the readers, came into existence after collecting books for more than 40 years. The Sanchayan ch 4 Class 9 shows us that you can achieve your goal when you have the sheer determination of reaching your goals. you don't need to hurry things up to get to your goal. You can take things slowly and still be able to succeed in your ambition. 


NCERT Class 9 Sanchayan Chapter 4 PDF

Sanchayan Class 9 Chapter 4 solutions provided by CoolGyan have been answered by teachers with more than 5 years of experience in teaching Hindi. In addition to this, our PDF file has all the answers that you need to solve the question paper and the question that comes in your final exams from this chapter. Moreover, when you are reading this chapter, you will know the importance of having a book and reading them on your own. 

NCERT Solution for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 4 is all about the answers you might want to find from this chapter. Once you have finished reading the chapter from the book, you can now check out this PDF file, which we have created specifically for this chapter. It has all the answers to the questions which are present at the end of the chapter. You can take help from this PDF file and understand how you need to present the answer.

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. Do We Need to Have Our Library?

A library can bring a big change in the home, and you don't need a whole room to have a library. Even a rack can be called a library. What matters is you must read the books that you buy. Otherwise, there is no use of having books at your home. 

Start slowly, read a book, and then have it placed in your library, and then again, you can buy yourself another book and read it. That's how you can have your library. It's not necessary to have a library in your home. You can also borrow books from your local library or your school and college. 

2. Why Do I Need to Study Hindi?

If you are living in India, you need to understand its language. Yes, Hindi isn't the national language of India. Still, more than 40% of the Indians speak and understand Hind. as a result, if you are travelling to any Indian city, you need to know some of the main words that the local people use. In addition to this, if you are coming to the north side of the country, you will find out that most people speak only Hindi, even if they are from different states.

Also, to understand India's history and know about its mythology, you need to have a basic understanding of the Hindi language. Some world-famous poets write poetry in Hindi and you can enjoy all these things if you know Hindi or its basics. 

3. How to prepare Chapter 4 Class 9 Hindi?

To prepare Chapter 4 Class 9, you must make a timetable first. Follow these suggestions to make an efficient timetable -

  • Plan a schedule covering your daily routine, including study time, break, playing time, etc.

  • Keep yourself away from distractions.

  • Revise Chapter 4 Class 9 thoroughly once they are taught in your class.

  • Ask your questions from your subject mentor.

  • Take efficient time to relax your mind.

4. How many books are there for Hindi subjects in Class 9?

As per the revised CBSE curriculum for 2021-22, there are four different books, namely Kshitij (Hindi textbook), Kritika, Sparsh and Sanchayan.

Here are the number of chapters in each book.

  • Kshitij - It contains a total of 17 chapters.

  • Sparsh - It possesses 13 chapters.

  • Kritika - The book has five chapters.

  • Sanchayan - The textbook contains six stories.

5. What is the concept of Chapter 4 in the Hindi Sanchayan book?

Chapter 4 of Sanchayan book ‘Mera Chota Sa Niji Pustakalay' describes the struggle of the author ‘Dharamveer Bharti' on creating his library. The story tells us how the passion for reading books has inspired the writer to build a huge space for his books. Here, the author mentions how he got passionate about books, how he bought his first book and his other experiences.

6. What is the price of NCERT Hindi Book for Class 9 Kritika?

The price of the NCERT Hindi book for Class 9 Kritika ranges from Rs. 35 to Rs. 45. The book contains a total of five chapters, namely - 

  • Chapter 1 - Iss Jal Pralay Mein

  • Chapter 2 - Mere Sang Ki Auratein

  • Chapter 3 - Reedh Ki Haadi

  • Chapter 4 - Maati Wali

  • Chapter 5 - Kis Tarah Akhirkar Mein Hindi Mein Aaya.

7. Where can you find the solutions for NCERT Hindi Book Sanchayan for Class 9 Download PDF?

Follow these given steps to get the solutions for NCERT Hindi book Sparsh for Class 9 PDF from CoolGyan -

  • Visit this given page, NCERT Solutions for Class 9 Hindi.

  • You'll find a list of chapters on the upcoming webpage.

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