NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antral Chapter 3 बिस्कोहर-की-माटी Viskohar Ki Maati


NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antral Chapter 3 बिस्कोहर-की-माटी Viskohar Ki Maati – Free PDF download

Chapter Nameबिस्कोहर-की-माटी Viskohar Ki Maati
ChapterChapter 3
ClassClass 12
SubjectHindi Antral NCERT Solutions
TextBookNCERT
BoardCBSE / State Boards
CategoryCBSE NCERT Solutions


CBSE Class 12 Hindi Antral
NCERT Solutions
Chapter 3 बिस्कोहर-की-माटी Viskohar Ki Maati


Question 1:
कोइयाँ किसे कहते हैं? उसकी विशेषताएँ बताइए।

ANSWER:
कोइयाँ जल में उत्पन्न होने वाला पुष्प है। इसे ‘कुमुद’ तथा ‘कोका-बेली’ के नामों से भी जाना जाता है।

इसकी विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(क) कोइयाँ पानी से भरे गड्ढे में भी सरलता से पनप जाती है।

(ख) यह भारत में अधिकतर स्थानों में पाई जाती है।

(ग) इसकी खुशबू मन को प्रिय लगने वाली होती है।

(घ) शरद ऋतु की चाँदनी में तालाबों में चाँदनी की जो छाया बनती है, वह कोइयों की पत्तियों के समान लगती है। दोनों एक समान लगती हैं।

Question 2:
‘बच्चे का माँ का दूध पीना सिर्फ़ दूध पीना नहीं, माँ से बच्चे के सारे संबंधों का जीवन-चरित होता है’- टिप्पणी कीजिए।

ANSWER:
बच्चे का अपनी माँ से बहुत गहरा संबंध होता है। यह संबंध माँ की कोख में आने के साथ ही जुड़ जाता है। जब वह जन्म लेता है, तो माँ के दूध पर ही 6 महीने तक निर्भर रहता है। इस दूध को वह आगे 3 वर्षों तक और ग्रहण करता है। माँ अपने बच्चे को दूध पिलाते समय अपने आँचल की छाँव में रखती है। इससे माँ-बच्चे के मध्य संबंध सजीव हो उठता है। इस तरह दोनों एक-दूसरे के साथ जीवन के कई वर्ष बिताते हैं। बच्चा माँ के साथ ही रोता, हँसता, खेलता, खाता, पीता बड़ा होता है। माँ इन क्रियाओं से सुखी होती है। वह बच्चे पर अपनी ममता लुटाती है। वह बच्चे को अपनी ममता की छाँव के तले रखती है। बच्चा माँ के आँचल में दूध पीता हुआ अपनी माँ के स्पर्श तथा गरमाहट को महसूस करता है। वह बच्चे के लिए उसका पोषण करने वाली, मित्र तथा एक स्त्री होती है। माँ का दूध पीकर बच्चा मानव जीवन की सार्थकता को पूर्ण कर देता है।

Question 3:
बिसनाथ पर क्या अत्याचार हो गया?

ANSWER:
बिसनाथ अभी छोटे थे। माँ के दूध का सेवन ही कर रहे थे कि उनके छोटे भाई का जन्म हो गया। छोटे भाई के जन्म के कारण उन्हें माँ का दूध पिलाना बंद कर दिया गया। अब माँ का दूध छोटा भाई पीता था। बिसनाथ इसे स्वयं पर अत्याचार कहते हैं। माँ का दूध कट जाना उनके लिए अत्याचार के समान ही है। छोटा भाई माँ का दूध पिता और बिसनाथ को गाय के दूध पर निर्भर रहना पड़ा।

Question 4:
गर्मी और लू से बचने के उपायों का विवरण दीजिए। क्या आप भी उन उपायों से परिचित हैं?

ANSWER:
गर्मी और लू से बचने के लिए निम्नलिखित उपाए किए जाते हैं-

(क) धोती तथा कमीज़ में गाँठ लगाकर प्याज़ बाँध दिया जाता था।

(ख) लू से बचने के लिए कच्चे आम का पन्ना पिया जाता था।

(ग) कच्चे आम को भूना जाता था। गुड़ तथा चीनी के साथ उसका शरबत पीया जाता था। उसे शरीर पर लगाया जाता था तथा उससे नहाया भी जाता था।

(घ) कच्चे आम को भूनकर या उबालकर सिर भी धोया जाता था।

हम केवल प्याज़ के प्रयोग तथा आम पन्ना पीने वाले उपाय से परिचित हैं। अन्य विवरण हमारे द्वारा सुना नहीं गया है।

Question 5:
लेखक बिसनाथ ने किन आधारों पर अपनी माँ की तुलना बत्तख से की है?

ANSWER:
बत्तख अंडे देने के बाद पानी में नहीं जाती है। जब तक उसके अंडों से बच्चे नहीं निकल जाते हैं, तब तक वह उन्हें सेती है। वे अंडों को अपने पंखों के मध्य रखती है। इस तरह वह बच्चों को सबसे बचाकर रखती है। वह अपने अंडों तथा बच्चों की सुरक्षा के लिए बहुत सतर्कता के साथ-साथ कोमलता से काम लेती है। एक तरफ जहाँ वह सतर्क होती है, वहीं दूसरी ओर वह प्रयास करती है कि उसके अंडों तथा उनसे निकलने वाले बच्चों को कोई नुकसान न हो। ऐसे ही बिसनाथ की माँ भी करती है। वह अपने बच्चे की बहुत अच्छे से देखभाल करती है। वह उसे दूध पिलाती है। अपने साथ सुलाती है। उसका हर कार्य करती है। इसी कारण लेखक बिसनाथ ने अपनी माँ की तुलना बत्तख से की है।

Question 6:
बिस्कोहर में हुई बरसात का जो वर्णन बिसनाथ ने किया है उसे अपने शब्दों में लिखिए?

ANSWER:
बिस्कोहर की बरसात सीधे नहीं होती है। पहले आकाश में बादल घिर जाते हैं। उसके बाद वह गड़गड़ाहते हैं। दिन में यदि बादल आकाश में छा जाए तो लगता है मानो रात हो गई है। तेज़ बारिश होने लगती है। बारिश होने का स्वर तबला, मृदंग तथा सितार जैसा लगता है। लेकिन जब तेज़ होती है, तो लगता है मानो दूर से घोड़े भागे चले आ रहे हों। प्रत्येक स्थान को वर्षा भीगा देती है। एक दिन होकर वर्षा बंद नहीं होती है। कई-कई दिन तक होती रहती है। इसके कारण किसी मकान की छत उड़ जाती है, तो कभी जमीन धंस जाती है। नदी में बाढ़ तक आ जाती है। गाँव के सभी पशु-पक्षी बरसात का आनंद उठाते हुए यहाँ से वहाँ भागते दिखाई देते हैं। नदी-नाले भर जाते हैं। चारों तरफ पानी ही पानी हो जाता है। पहली बरसात से चर्म रोग दूर हो जाते हैं।

Question 7:
‘फूल केवल गंध ही नहीं देते दवा भी करते हैं’, कैसे?

ANSWER:
लोगों का मानना है कि फूल अपने रंग तथा गंध के कारण पहचाने जाते हैं। लेखक इस बात को नकारता है। वह गंध की महत्व को स्वीकार करता है लेकिन वह यह भी कहता है कि फूल केवल गंध नहीं देते, वह दवा भी करते हैं। वह भरभंडा नामक फूल का वर्णन करता है। इस फूल से निकलने वाला दूध आँखे आने पर दवा का काम करता है। इसे आँख में निचोड़ देने से आँख की बीमारी सही हो जाती है। नीम के फूल चेचक के मरीज को ठीक कर सकते हैं। बेर के फूलों को सूँघने मात्र से ही बर्रे-ततैये का डंक अपने आप झड़ जाता है।

Question 8:
‘प्रकृति सजीव नारी बन गई’- इस कथन के संदर्भ में लेखक की प्रकृति, नारी और सौंदर्य संबंधी मान्यताएँ सपष्ट कीजिए।

ANSWER:
लेखक की प्रकृति, नारी और सौंदर्य संबंधी कुछ मान्यताएँ हैं। ये मान्यताएँ आपस में गुथी हुई हैं। जब लेखक दस बरस का था, तो उसने एक स्त्री को देखा था। वह उससे दस वर्ष बड़ी थी। उसका सौंदर्य अद्भुत था। संतोषी भाई के घर के बाहर आँगन में एक जूही की लता लगी थी। उससे आने वाली सुंगध लेखक के प्राणों तक को महका गई थी। लेखक चाँदनी रात में लता पर खिले फूलों में चाँदनी को देखता है। उसे प्रतीत होता है मानो चाँदनी जूही के फूलों के रूप में लता में उग आई हो। यहाँ लेखक प्रकृति को जूही, खुशबू, लता तथा स्त्री के रूप में देखता है। उसके लिए ये अलग-अलग नहीं हैं। ये सब आपस में जुड़े हुए ही हैं। अतः वह औरत को चाँदनी के रूप में जूही की लता सी प्रतीत होती है। वह प्रकृति में उस औरत को और औरत को प्रकृति के रूप में देखता है।

Question 9:
ऐसी कौन सी स्मृति है जिसके साथ लेखक को मृत्यु का बोध अजीब तौर से जुड़ा मिलता है?

ANSWER:
लेखक ने एक बार गाँव में ठुमरी सुनी थी। उस ठुमरी को सुनकर लेखक का रोने का मन करने लगा था। लेखक कहते हैं कि उस ठुमरी को सुनते समय उस स्त्री की याद हो जाती है, जिसे अपनी मृत्यु की गोद में गए पति की याद आती है। उसे बस प्रियतम से मिलने का इतंज़ार है। उसका प्रियतम हर रूप में उसके साथ है। इसी स्मृति को याद करके लेखक को मृत्यु का बोध अजीब तौर से जुड़ा मिलता है।

Question 1:
पाठ में आए फूलों के नाम, साँपों के नाम छाँटिए और उनके रूप, रंग, विशेषताओं के बारे में लिखिए।

ANSWER:
फूलों के नाम इस प्रकार हैं-
• कमल- यह पूजा के काम आता है। इसका बीज, डंठल आदि खाए जाते हैं। इसके पत्ता भोजन परोसने के काम आता है।
• कोइयाँ- यह जल में खिलने वाला पुष्प है। यह कहीं भी जल से भरे गड्ढे में उग जाता है। इसमें से मीठी गंध आती है।
• सिघाड़े का फूल- यह भी जल में उगता है। यह सफेद रंग का होता है। इसके फूल से ही सिघाड़ा नामक फल मिलता है, जिसे खाया जाता है।
• हरसिंगार- यह शरत ऋतु में खिलता है। यह सफेद रंग का होता है तथा इसकी डंडी संतरी रंग की होती है। यह खुशबूदार फूल होता है। यह पूजा के काम आता है। इसे परिजात तथा शेफाली के नामों से जाना जाता है। इसके फूल, पत्ते तथा छाल आयुर्वेद में उपयोगी माने गए हैं।
• कदंब के फूल- यह फूल नींबू के आकार का होता है गोल होता है। यह संतरी रंग का होता है तथा इसमें सफेद रंग की छोटी-छोटी सफेद पंखुड़ियाँ निकली होती है। यह गुच्छे में होता है। इसकी खुशबू बहुत ही अच्छी होती है। यह बहुत उपयोगी फूल है।
• सरसों के फूल- यह पीले रंग के होते हैं। इनसे तैलीय गंध आती है। इसे सरसों के साथ ही पकाया जाता है। इससे सरसों के बीज मिलते हैं।
• भरभंडा- इसे सत्यनाशी कहते हैं। यह बहुत सुंदर होता है। यह पीले रंग का होता है। यह फूल कोमल होता है। बरसात में जब आँखों की बीमारी का प्रकोप फैलता है, तो इस फूल का रस उसे ठीक करने के काम आता है।
• जूही- यह सफेद रंग का खुशबूदार होता है। इसे गजरा बनाने में प्रयोग में लाया जाता है। भगवान को भी इसके फूल चढ़ाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त लेखक ने तोरी, लौकी, भिंडी, भटकटैया, इमली, अमरूद, बैंगन, कोंहड़ा, शरीफ़ा, आम के बौर, कटहल, बेल, अरहर, उड़द, चना, मसूर, मटर के फूल, सेमल के फूलों का भी वर्णन किया है। इनसे हमें फल-सब्ज़ियाँ मिलते हैं।

साँपों के नाम इस प्रकार हैं-
• डोंड़हा – यह विषहीन साँप हैं। इसे मारा नहीं जाता है। यह वामन जाति का कहलाता है।
• मजगिदवा – यह विषहीन साँप हैं।
• धामिन- यह लंबा होता है। यह भी विषहीन होता है। यदि मुँह से कुछ पकड़कर अपनी पूँछ मारे दे तो वह अंग सड़ जाता है।
• गोंहुअन- इसे फेंटारा नाम से भी जानते हैं। यदि यह किसी को काट ले तो मनुष्य घोड़े की तरह हिनहिनाकर मर सजाता है।

Question 2:
इस पाठ से गाँव के बारे में आपको क्या-क्या जानकारियाँ मिलीं? लिखिए।

ANSWER:
इस पाठ से हमें गाँव के बारे में इस प्रकार की जानकारियाँ मिलीं-

(क) गाँव के परिवेश के बारे में पता चला।

(ख) गाँव में उगने वाले फूल, फल, पेड़-पौधे तथा साँपों के बारे में पता चला।

(ग) ऋतुओं में गाँवों में होने वाले बदलावों तथा उससे संबंधित बीमारियों के बारे में पता चला।

(घ) गाँवों में प्रयुक्त किए जाने वाले शब्दों का पता चला।

(ङ) गाँव में व्याप्त प्राकृतिक सौंदर्य का पता चला।

Question 3:
वर्तमान समय-समाज में माताएँ नवजात शिशु को दूध नहीं पिलाना चाहतीं। आपके विचार से माँ और बच्चे पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है?

ANSWER:
वर्तमान समय में माताएँ अपने शारीरिक सौंदर्य के समाप्त होने के डर से बच्चों को दूध नहीं पिलाती हैं। इससे माँ तथा बच्चे पर बहुत गलत प्रभाव पड़ रहे हैं। आज के समय में माताओं में स्तन का कैंसर देखने को मिल रहा है। जिससे व असमय मृत्यु की गोद में समा रही हैं। माँ के दूध में बच्चे के लिए पर्याप्त पोषण होता है। वह नहीं मिल पाने से बच्चे कुपोषित हो रहे हैं। उनमें विभिन्न तरह की बीमारियाँ देखी जा सकती हैं। वे कमज़ोर हो रहे हैं। माँ जब बच्चे को दूध पिलाती है, तो बच्चे तथा माँ के मध्य एक नजदीकी संबंध बनता है, वह दिखाई नहीं दे रहा है। अब भावनात्मक रिश्ते की कमी दिखाई देती है।