NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 Aatma ka Taap


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Access NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh पाठ १० - आत्मा का ताप

1. रज़ा ने अकोला में ड्रॉइंग अध्यापक की नौकरी की पेशकश क्यों नहीं स्वीकार की?

उत्तर: लेखक को बंबई में ‘जे. जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट' में अध्ययन के लिए मध्य प्रांत की सरकारी छात्रवृत्ति मिली उन्होंने अमरावती के गवर्नमेंट नॉर्मल स्कूल से त्यागपत्र दे दिया। लेकिन जब वे बंबई पहुँची तब तक जे. जे. के दाख़िले बंद हो चुके थे। सरकार ने छात्रवृत्ति वापस ले ली। सरकार ने मुझे अकोला में ड्रॉइंग अध्यापक की नौकरी पेशकश की परंतु लेखक ने यह पेशकश  स्वीकार नहीं की। क्योंकि लेखक को बंबई का वातावरण गैलरियाँ और शहरों में अपने मित्र पसंद आए वह मुंबई में चित्रकारी सीखने की उत्कट इच्छा से मुंबई गए।


2. बंबई में रहकर कला के अध्ययन के लिए क्या क्या संघर्ष किए?

उत्तर: कला का क्षेत्र हमेशा संघर्ष ,त्याग, तपस्या और धैर्य की परीक्षा पर अपने कलाकार का परीक्षण करता है। अन्य कलाकारों की तरह, ऱजा को इस प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है। जब रज़ा मुंबई आए तो उन्हें एक्सप्रेस ब्लॉक स्टूडियो में डिज़ाइनर की नौकरी मिल गई। लेकिन उन्हें रहने के लिए जगह नहीं मिली तो वे अपने किसी परिचित ड्राइवर के ठिकाने पर रात बिताते थे। उनकी दिनचर्या बहुत कठिन थी। सुबह दस बजे से शाम छः बजे तक नौकरी और फिर मोहन आर्ट क्लब में पढ़ाई के लिए जाते थे। और फिर जैकब सर्कल जाकर सो जाते थे। कुछ दिनों बाद उन्हें स्टूडियो के कला विभाग में एक कमरा मिल गया फिर भी उन्हें नीचे सोना पड़ता था। रात में ग्यारह बजे तक चित्रकारी बनाते थे। ऱजा इस तरह के संघर्ष कला के अध्ययन के लिए मुंबई में किये थे।


3.  भले 1947 और 1948 में महत्वपूर्ण घटनाॉंए घटी हों, मेरे लिए वे कठिन बरस थे - ऱजा ने ऐसा क्यों कहा ? 

उत्तर: ऱजा ने 1947 और 1948 को कठिन वर्षों में गिनती करते है क्योंकि उसी समय उनकी माँ की मृत्यु हो गई और उनके पिता को मंडला लौटना पड़ा जहॉं अगले वर्ष उनके भी मृत्यु हो गई और सभी ज़िम्मेदारियाँ ऱजा के पास चली गई। 1947 में देश स्वतंत्र हो गया। लेकिन सभी को विभाजन की त्रासदी का भी सामना करना पड़ा। फिर 1948 में गांधी जी की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया इन सभी बातों का ऱजा पर भी गहरा असर पड़ा इन घटनाओं के कारण ही लेखक ने इन वर्षों को कठिन बरस कहा।


4. ऱजा पसंदीदा फ्रेंच कलाकार कौन से थे?

उत्तर: ऱजा पसंदीदा फ्रेंच कलाकार थे सेज़ॉं , वॉन गॉग, गोगाँ पिकासो , मातीस , शागाल और ब्रॉक।


5. तुम्हारे चित्रों में रंग है, भावना है, लेकिन रचना नहीं है तुम्हें मालूम होना चाहिए कि चित्र इमारत की तरह है बनाया जाता है - आधार, नींव, दीवारें, बीम, छत; और तब जाकर वह टिकता है -यह बात 

क. किसने किस संदर्भ में कही ?

ख. रज़ा पर इसका क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर: 

(क) यह बात विख्यात फ़ोटोग्राफ़र हेनरीकर्तिए - ब्रेसॉं ने अपनी श्रीनगर की यात्रा के दौरान सैयद हैदर रज़ा के चित्रों को देखकर कहा था। उन्होंने कहा कि पुस्तक में सामग्री होनी चाहिए जैसे भवन निर्माण में होती है। चित्रकारी के लिए रचना की आवश्यकता होती है। उन्होंने रज़ा को सेजाँ के चित्र देखने की सलाह दी। 

(ख) फ्रांसीसी फ़ोटोग्राफ़र हेनरीकर्तिए - ब्रेसॉं कि सलाह पर रज़ा को गहरा प्रभाव पड़ा और वे बंबई लौट आए और फ्रेंच सीखने के लिए अलयांसफ़्रांस में इससे नामांकन कराया। उन्हें पहले से ही फ़्रांसीसी चित्रकला में रुचि थी लेकिन अब वे इसकी बारीकियों को समझने लगे थे। इससे उन्हें फ़्रान्स जाने का मौक़ा मिला।


6. रज़ा को जलील साहब जैसे लोगों का सहारा न मिला होता तो क्या तब भी वे एक जाने -माने चित्रकार होते? तर्क सहित लिखिए। 

 उत्तर : सच्ची और वास्तविक प्रतिभा छिपती नहीं है।रज़ा एक ऐसे कलाकार थे जिनकी चित्रकार बनने की गहरी इच्छा थी और इसके साथ ही उन्हें कला के प्रति पूर्ण समर्पण भी था ज़लील साहब के कारण उन्हें आर्थिक कठिनाइयों से राहत मिली परंतु चित्रकार बनने की अदम्य इच्छा, संघर्ष, दृढ़ संकल्प और धुन रज़ा की थी। इसी कारण यदि ज़लील साहब जैसे लोग नहीं भी मिलते तो भी वे एक प्रतिष्ठित चित्रकार होते। रजा की दृढ़ इच्छाशक्ति ही उन्हें एक महान चित्रकार बनाती हैं।


7. चित्रकार व्यवसाय नहीं, अंतरात्मा की पुकार है - इस कथन के आलोक में कला के वर्तमान और भविष्य पर विचार कीजिए।

उत्तर: यह सत्य है की चित्रकला अंतरात्मा की पुकार है ना की कोई व्यवसाय। कोई भी कला अंतरात्मा की पुकार से ही होती है। हर कलाकार को कला के व्यवसायिकता से बचना होगा आजकल चित्रकला पूर्णतया व्यवसायिक हो गयी है। इसके दोषी कलाकार भी है क्यूँकि वे व्यवसायिकता में फँस चुके है। इसी कारण कलाकार का मुख्य उदेश्य अधिक से अधिक पैसे कमाना रह गया है। कलाकार आज भी कालजयी रचना कर सकते है अगर वे अपनी कला को अंतरात्मा से जोड़ ले। परंतु अब कोई भी कलाकार परिश्रम करना नहीं चाहता है उनके अंदर शीघ्रता से सब कुछ पाने की इच्छा मात्र रह गयी है।


8. हमें लगता था कि हम पहाड़ हिला सकते है - आप किन क्षणों में ऐसा सोचते हैं?                 

उत्तर: यह एक बहुत ही प्रेरणादायक और उत्साहजनक वाक्य है, जो हर व्यक्ति में जागृत होती है जब वह जोश, उत्साह, क्षमता और जुनून से भरा हुआ होता हैं और कुछ भी करने के लिए प्रेरित होता हैं। मुझे लगता है कि उन क्षणों में, जब समस्या बहुत बड़ी है लेकिन समिधान का कोई श्रोत नहीं है कोई भी मदद करने की स्थिति में नहीं है और जैसे ही मुझे अहसास होता है की मुझे इसे स्वयं करना है। इस से मैं अपने आप को प्रेरित करता हूँ। ख़ुद को ही असीम शक्तिशाली और सामर्थ्यवान मान लेता हूँ और स्वयं से कहता हूँ कि “ये  क्या है मैं तो पहाड़ हिला सकता हूँ”|


9. जब तक मैं बम्बई पहुँचा, तब तक जे.जे. स्कूल में दाख़िला बंद हो चुका था - इस वाक्य को हम दूसरी तरह से भी कह सकते हैं। मेरे बम्बई पहुँचने से पहले जे.जे. स्कूल में दाख़िला बंद हो चुका था नीचे दिए वाक्यों को दूसरे तरीक़े से लिखिए:

(क) जब तक मैं प्लेटफ़ॉर्म पहुँचती तब तक गाड़ी जा चुकी थी।     

(ख) जब तक डॉक्टर हवेली पहुँचता तब तक सेठ की मृत्यु हो चुकी थी|

(ग) जब तक रोहित दरवाज़ा बंद करता तब तक उसके साथी होली का रंग लेकर अंदर आ चुके थे।

(घ) जब तक रुचि कैनवास हटाती तब तक बारिश शुरू हो चुकी थी।

उत्तर:  

(क) जब मैं प्लैट्फ़ॉर्म पर पहुँची तब देखा कि गाड़ी जा चुकी थी। 

(ख) डॉक्टर के हवेली आने से पहले ही सेठ जी की मृत्यु हो चुकी थी।

(ग) रोहित अपना दरवाज़ा बंद करता की उस से पहले उसके साथी होली का रंग लेकर अंदर आ चुके थे।     

(घ) रुचि जब तक कैनवास हटाती कि उस से पहले बारिश शुरू हो चुकी थी।


10. आत्मा का ताप पाठ में कई शब्द ऐसे आए है जिनमें अॉ का इस्तेमाल हुआ है, जैसे ऑफ़, ब्लॉक, नॉर्मल।

नीचे दिए गए शब्दों में यदि ऑ का इस्तेमाल किया जाए तो शब्द के अर्थ में क्या परिवर्तन आयगा ? 

दोनो शब्दों का वाक्य प्रयोग करते हुए अर्थ के अंतर को स्पष्ट कीजिए - 

हाल, काफ़ी, बाल

उत्तर:

हाल-दशा - मोहन का हाल ख़राब है। 

हॉल-बड़ा कमरा - हमारे स्कूल के हॉल में प्रदर्शनी लगी है। 

काफ़ी-पर्याप्त - मेरे लिए इतनी जगह काफ़ी है।

कॉफी-एक पेय - सर्दियों में कॉफी पीने का मज़ा ही कुछ और है। 

बाल-केश - पायल के बाल बहुत लम्बे और सुन्दर हैं। 

बॉल-गेंद - हर्ष फिर से बॉल मारके खिड़की के काँच तोड़ दिए।


NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 Aatma ka Taap

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Chapter 2 – Aatma ka taap

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter

Introduction

Syed Hyder Raza was born in the Babariya village in Madhya Pradesh in 1922 and passed away in 2016. He had learned the art of painting from Nagpur school of art and then from J.J. School of Arts in Mumbai. He had conducted many exhibitions in India and then in 1950, he went to France on a scholarship to continue his studies. His name appears in the front row of artists who gave modern Indian painting a new meaning. He is in a similar league as M. F. Hussain and Sooja who are pioneers in making India proud at an international level in the field of painting.

Raza made Paris his home, that is why one can see a mix of Indian and Western effects in his artworks. Raza’s personality and art both are sublime. There is a maturity of colours and depth of spirituality in his work. He has been acknowledged for his works in India and abroad alike. 

The excerpt presented here is a piece of writing from his autobiography “Aatma ka taap” (The fire of soul). It was written in English and has been translated into Hindi by Madhu B. Joshi. In this section, Mr. Raza talks about his initial struggle and experience in the field of painting. The passion of an artist, the turmoil, and the urge in his heart for the struggle to excel in his art. All of this is portrayed in this chapter in an interesting, simple, and spontaneous style.


Aatma Ka Taap

S. H. Raza was always good in academics and stood first in his exams in Nagpur. After his father retired, he started looking for a job. He was teaching drawing at Gondia when he got a scholarship to study at the J. J. School of Arts in Mumbai. However, due to some delay, he could not get admission, and his scholarship was cancelled. But he did not come back and decided to pursue his studies in Mumbai itself as he liked the Mumbai environment and lifestyle.

He got the job of a designer at Express Job Studio. He used to work from 10 in the morning till 6 in the evening and he used to sleep at a taxi driver’s place who was also a friend of his. At his place, he would be awake till 12 in the night making sketches of streets and other things around him. His hard work received acknowledgment in the form of a gold medal from the Mumbai Art society. He was the youngest artist to acquire this award. 

Two years after receiving this award, he got a scholarship from the French government. Before that two of his paintings were exhibited in the exhibition of the Arts Society of India in November 1943. Both the paintings were sold for 40 rupees each at that time. A professor at Venice Academy, Langhamer, started buying his paintings which made it easy for him to keep pursuing his Art studies. In 1947, he became a regular student at J. J. School of Arts.

In 1947, his mother expired, and then in 1948, his father passed away too. After these incidents, he was laden with family responsibilities. At the young age of 25, he had experienced such tragedies in life. However, he worked at his full capacity and fulfilled his responsibilities in the best possible manner.

In 1948 while he was visiting Srinagar, he met famous French photographer Henry Cartier Bresson who taught him the real meaning of what painting stands for. Raza had a special interest in the French style of painting; hence he decided to go to Paris. After getting a scholarship for 2 years from the French government, he reached Marsais on 2nd October 1950. That was the beginning of S. H. Raza’s life as an artist. He touched the epitome of success after a lot of struggles in life.


Key Features of NCERT Solutions for Class Hindi Chapter 10

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FAQs (Frequently Asked Questions)

1. Why did not Raza accept the job offer of a drawing teacher at Akola?

Ans: Raza did not accept the job of teaching drawing at Akola since he liked the environment and lifestyle of Mumbai a lot. He had made friends there and wanted to pursue his studies in Mumbai itself.

2. In this chapter Raza expresses that even though many important events happened in 1947 and 1948 but they were very hard years for him. What was the reason?

Ans: India got its independence in 1947, and Mahatma Gandhi was killed in 1948. For Raza these years were very difficult since he lost his mother in 1947 and then his father in 1948. The responsibility of the entire family was on him, and he had to undergo many adverse experiences.

3. What struggles Raza had to face for art while staying in Mumbai according to Chapter 10 of Class 11 Hindi textbook Aroh?

Ans: In Mumbai, Raza had to work very hard. He got a job where he had to work from 10 am till 6 pm. He used to stay in the room of a taxi driver. He used to make sketches till midnight. He received a gold medal from the Mumbai art society for his hard work. In this way, he struggled a lot to get his paintings exhibited, and later his hard work paid.

4. How many questions are given in Chapter 10 of Class 11 Hindi textbook Aroh?

Ans: There are five questions in the first exercise, four questions in second and two in the last exercise for Chapter 10 of Class 11 Hindi Aroh. Students can download all solutions from CoolGyan. Students can use the NCERT solutions to prepare for their final exams. Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 textbook questions are given in a stepwise manner so that students can understand the concept of the chapter and can easily prepare for the exams. All solutions are prepared by expert Hindi teachers to help students clear their doubts easily.

5. Where can I get online NCERT Solutions for Chapter 10 of Class 11 Hindi textbook Aroh for free?

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6. How do I download NCERT Class 11 Solutions for Chapter 10 of Class 11 Hindi textbook Aroh from CoolGyan?

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7. How can I score high marks in Chapter 10 of Class 11 Hindi textbook Aroh?

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